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प्रेत बाधा निवारण पूजन


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प्रेतबाधा - कुंडली में प्रथम भाव में चन्द्र के साथ राहु की युति होने पर एवं पंचम और नवम भाव में कोई क्रूर ग्रह स्थित हो तो उस जातक पर भूत-प्रेत, पिशाच या बुरी आत्माओं का प्रभाव रहता है। वैदिक मन्त्रों के जाप से जातक इससे निवारण प्राप्त कर सकता है ।

 

 

सभी मनोरथ पूर्ति - यह पूजा अथवा अनुष्‍ठान कराने से आपके महत्‍वपूर्ण कार्य संपन्‍न होते हैं एवं जातक के सभी रुके हुए कार्य संपन्न होते हैं। 

शारीरिक मानसिक चिंताओं से मुक्ति - प्रेत बाधा के प्रभाव को दूर करने से सभी शारीरिक और मासिक पीडाओं से छुटकारा प्राप्त होता है।

1.अपनी सुविधा के अनुसार अपनी पूजा की तिथि का चुनाव करें ।

2.पूजा में सम्मिलित होने वाले सभी सदस्यों के नाम एवं अपना गोत्र दर्ज करें ।

3.पूजा के 2 से 3 घंटे पहले आपको गूगल मीट का लिंक उपलब्ध कराया जायेगा जिसके द्वारा आप अपनी पूजा को लाइव देख पाएंगे ।

4.हमारे आचार्य जी द्वारा सभी सम्मिलित सदस्यों के नाम और उनके गोत्र के उच्चारण के साथ आपकी ऑनलाइन उपस्थिति में पूजा संपन्न की जाएगी।

5.पूजा का विडियो आपके व्हात्सप्प पर 1 - 2 कार्य दिवस की अवधि में प्राप्त होगा और आपका दिव्य प्रसाद 5-7 कार्य दिवस में आपके अधिकारिक पते पर पहुँच जायेगा।
 

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